Pope Francis Death के बाद क्या-क्या होता है? काले और सफेद धुएं से होगा नए पोप का फैसला

पोप फ्रांसिस ने 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। अपने निधन से पहले, उन्होंने 12 वर्षों तक रोमन कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया। उनका निधन रोम के जेमेली अस्पताल में डबल निमोनिया के इलाज के लिए 38 दिन बिताने के बाद हुआ, जिसके बाद वे ठीक हो गए और 23 मार्च को अस्पताल से चले गए। पोप फ्रांसिस की मृत्यु सेंट पीटर्स स्क्वायर में उनके अचानक आने के एक दिन बाद हुई, जहाँ वे दोपहर के कुछ समय बाद ही अपनी खुली हवा में पोपमोबाइल में सवार होकर उत्साही भीड़ का अभिवादन करने पहुँचे। उन्होंने एक विशेष आशीर्वाद भी दिया। उनकी मृत्यु से वेटिकन और दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ गई है। आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन उनके कैमरलेन्गो या चैंबरलेन द्वारा किया जाएगा। 

कैमरलेंगो – वर्तमान में आयरिश मूल के कार्डिनल केविन फैरेल पोप की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि करते हैं। वे मृतक पोप से मिलने जाते हैं, उनका नाम तीन बार पुकारते हैं और फिर उन्हें मृत घोषित कर देते हैं।

तोड़ दी जाती है अंगूठी

परंपरा के मुताबिक, जब पोप के शरीर में मेडिकल ट्रीटमेंट से कोई भी सुधार होना बंद हो जाता है और शरीर पूरी तरह शांत हो जाता है तो उनकी उस अंगूठी को तोड़ दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल वो दस्तावेजों पर मुहर की तरह करते थे। यह पोप के शासन के अंत का प्रतीक होता है। इसके बाद पोप के चैपल को पूरी तरह सील कर दिया जाता है।

चर्च नौ दिनों का शोक मनाता है, जिसे नोवेन्डियाले के नाम से जाना जाता है, यह एक प्राचीन परंपरा है। पोप के पार्थिव शरीर को पूरे पोप के वस्त्र पहनाए जाते हैं और सार्वजनिक दर्शन के लिए सेंट पीटर बेसिलिका में रखा जाता है।

क्या पोप का शव संरक्षित किया गया है?

ऐतिहासिक रूप से पोपों को दफनाने से पहले उनके शवों को संरक्षित किया जाता था और उनके अंगों को निकाला जाता था। रोम के ट्रेवी फाउंटेन के पास एक चर्च में 20 से अधिक पूर्व पोपों के हृदय अवशेष के रूप में रखे हुए हैं।

काले और सफेद धुएं से होता है फैसला 

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अब नए पोप का चुनाव किया जाएगा। कडेनल मिलकर नए पोप का चुनान करेंगे। जब पोप का निधन होता है या यह इस्तीफा दे देते हैं तो कैथलिक चर्च का शासन कार्डिनल्स कॉलेज के पास चला जाता है। ये कार्डिनल कैथलिक चर्च के सबसे उच्च रैंक वाले पादरी होते हैं।

पोप का पद कब शुरू हुआ था

पोप का पद सेंट पीटर से शुरू हुआ था। जो ईसा मसीह के 12 शिष्यों में से एक थे। पोप  का चुनाव पहले पादरी और बाद में कार्डिनल्स कॉलेज को यह जिम्मेदारी दी गई। पोप बनने के लिए दो-तिहाई चोट मिलना जरूरी है। कार्डिनरस वैटिकन  में सिस्टीन चैपल में एक  गोपनीय बैठक करते हैं, जिसे पोपल कॉन्क्लेव कहा जाता है।

कार्डिनल्स कॉलेज में कितने सदस्य

कार्डिनल्स कॉलेज में 222 सदस्य होते हैं, जिनमें से 120 बोट देने के लिए योग्य हैं। वोट देने वाले कार्डिनात्स की उम्र सीमा 80 साल है। कॉन्बलेय पिष्ठले पोप के जाने के 15 से 20 दिनों के भीतर शुरू हो जाता है।

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